लखनऊ संवाददाता – स्वच्छ सर्वेक्षण समाप्त होते ही नगर निगम के अधिकारियों ने मनमानी शुरू कर दी है। माहभर चली रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था ठप हो गई है। जोन छह की तीन बाजारों में दो दिनों से सफाई कार्य बंद हो चुका है। यह स्थिति तब है जब नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की संख्या 9800 हो चुकी है। नगर निगम के अधिकारी इसपर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण के फीडबैक में नम्बर वन होने पर एक ओर महापौर संयुक्ता भाटिया लखनऊ का जनता का आभार जता रही हैं। वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की अपील कर रही हैं। दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारी मनमानी व बंदरबांट पर उतारू हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू होने से पहले शहर को चमकाने के लिए सफाई कर्मचारियों की संख्या ताबड़तोड़ बढ़ाई गई। सफाई कर्मचारियों की संख्या चार हजार से बढ़ाकर 9800 कर दी गई। इसमें ज्यादातार कार्यदायी संस्था के कर्मचारी है। बाजारों में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था शुरू की गई। सर्वेक्षण के दौरान गत चार से 31 जनवरी तक सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रही। सड़कों पर कूड़ा दिखना बंद हो गया लेकिन सर्वेक्षण समाप्त होने के अगले ही दिन एक फरवरी से बाजारों में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था ठप हो गई।
जोन छह की जोनल अधिकारी अम्बी बिष्ट ने इसकी जानकारी ह्वाट्सएप ग्रुप पर दी है। उन्होंने लिखा है कि सर्वेक्षण के अन्तरगत रात्रिकालीन सफाई के लिए जोन छह की तीन बाजारों को चयनित किया गया था। इसमें ठाकुरगंज बाजार सब्जी मंडी (हरदोई रोड, टीबी अस्पताल से ठाकुरगंज थाने के मोड़ तक), चौक बाजार (चौक गोल चौराहा से कोनेश्वर मंदिर चौराहा तक) व विक्टोरिया स्ट्रीट मार्केट (चरक चौराहा से नक्खास चौराहा तक) शामिल थे। लेकिन पिछले दो दिनों से रात्रिकालीन सफाई कार्य ठप हो गया है।
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रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था यथावत जारी है। सभी जोनों को सफाई कर्मचारी आवंटित कर दिए गए हैं। जोनल अधिकारियों को सफाई कराने की जिम्मेदारी है। जोन छह में सफाई व्यवस्था ठप होने की जानकारी नहीं है।
पंकज भूषण, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम