लखनऊ – प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अंर्तगत पोस्टल ग्राउण्ड अलीगंज में चल रहे यू0पी0 महोत्सव की दसवीं सांस्कृतिक संध्या में मिथलेष लखनवी की गजलों व भूषण व निधि के अवधी लोक नृत्य की मनोरम छटा बिखरी।
यू0पी0 महोत्सव की दसवीं सांस्कृतिक संध्या का आगाज मिथिलेष लखनवी की गजलों से हुआ। उन्होंने अपनी खनकती हुई आवाज में षोभा दीक्षित की कलमबद्ध गजल आष्ना हम तेरे हो गए हैं अब तो तेरे सनम हो गए हैं को सुनाकर श्रोताओं को मंत्र्ा मुगध कर दिया। इसी क्रम में मिथिलेष ने हम भी तन्हा तुम भी तन्हा ओर चांद अंगड़ाइयां ले रहा है चांदनी मुसकुराने लगी है गजल को सुनाकर श्रोताओं की कंजूस तालियां बटोरीं। हुस्न और इष्क के रंग में पगी मिथिलेष लखनवी की अगली गजल थी होष वालों को खबर क्या…जिसको सुनाकर यूपी महोत्सव की दसवीं षाम को यादगार बना दिया। मिथिलेष के कार्यक्रम के मेरूदण्ड रहे तबले पर विकास कुमार, की-बोर्ड पर ललित मैसी, ढोलक पर दीपक।
संगीत से सजे कार्यक्रम के अगले सोपान में षिप्रा चन्द्रा ने अपनी सुमधुर आवाज में अवधी देवीगीत जगदम्बा दियना बार आई से अपनी प्रस्तुति की षुरूवात कर सैंया मिले लरकइयां अवधी लोकगीत को सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता। अवध के रंग में रंगी अगली प्रस्तुतियों में भूषण और निधि ने बलम सिसकी दे दे रोए और रेलिया बैरन पिया को लिए जाये रे अवधी गीत पर भावपूर्ण अवधी लोकनृत्य की मनोरम छटा बिखेरी। हिरेन्द्र सिंह के संयोजन में इण्डिया बुक आॅफ रिकार्डस होल्डर नौ वर्ष के व्योम आहूजा ने ड्रम, गिटार, डाॅमबैक और बांसुरी पर विभिन्न फिल्मी गीतों की धुनों को अवतरित कर श्रोताओं को रोमांचित किया, इसके अलावा देवाज्ञ दीक्षित ने ड्रम पर तमिल, मराठी, असमी ओर भांगड़ा बीट् एवं सिन्ोिसाइजर पर ऐ वतन की धुन बजाकर श्रोताओं का दिल जीता।
दिल को जीत लेने वाली इस पेषकष के उपरान्त अविषी भारद्वाज, नव्या श्रीवास्तव, स्वरा त्र्ािपाइी, अंकिता षाहा, आध्या तिवारी, वैष्नवी षुक्ला, कृतिका षर्मा, अंषप्रीत कौर, प्रग्या गुप्ता, सुहाना श्रीवास्तवने ममता सिंह के निर्देषन में कान्हा माने ना गीत पर आकर्षक नृतय प्रस्तुत किया। इसी क्रम में वेदानषी, सुकृति गुप्ता, सोनाक्षी सिंह, आयुषी तिवारी, गौरी द्विवेदी, वृतिका तिवारी, वैष्नवी षर्मा, अंकिता, आन्या मडार, समृद्धि डौनडियाल, गिन्नी सहगल और हर्षिता काण्डपाल ने बेड़काको बारामासा गीत पर पर्वतीय लोक नृत्य की सुरभि बिखेरी। कार्यक्रम में नंदनी खरे, उन्नति मेहरा, षिवांगी भारद्वाज ओर भाव्या श्रीवास्तव ने नैनों को नैनो से मिला गीत पर सम्मोहक नृत्य प्रस्तुत किया। इसके अलावा गीतांजलि ने कथक नृत्य के तहत उपज, थाट, आमद, परन, तोडे़, टुकड़े, तिहाई, गत आदि को प्रस्तुत कर दर्षकों को मंत्र्ा मुग्ध कर दिया। इसे अलावा तान्या श्रीवास्तव ने हमरी अटरिया पे आकर्षक नृत्य पेष किया।